कवियों ने कविताओं के माध्यम से राष्ट्रपिता को किया याद।
डबरा। श्री रामसेवक बुंदेली साहित्य एवं संस्कृति परिषद डबरा द्वारा 2अक्टूबर 21 शनिवार को देश वासियों को आजादी दिलाने में महती भूमिका निभाने वाले हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और देश के प्रथम प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर एक विशेष काव्य गोष्टी श्री राम कुटिया श्याम विहार काॅलौनी डबरा पर आयोजित हुई।
जिसकी अध्यक्षता शहर के वरिष्ठ गीतकार श्री धीरेंद्र गहलोत 'धीर' ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में गायत्री शक्तिपीठ के सक्रिय कार्यकर्ता श्रीरामजी शरण छिरौल्या उपस्थित थे।
सर्वप्रथम अतिथियों ने मां सरस्वती, महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र पर दीप प्रज्वलित व माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
मां सरस्वती वंदना के बाद काव्य गोष्ठी का प्रारम्भ युवा कवि परिषद के सचिव ओपी सेन 'आजाद' ने भारत देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने वाले महापुरुषों को याद करते हुए कहा-
*सत्य अहिंसा शांति का, दिया सदा उपदेश।*
*ऐसे बापू को नमन, करता सारा देश।।*
*जिनकी दम पर हो गया, वतन हिंद आजाद।*
*उन वीरों को कर रहा, नमन आज आजाद।।*
परिषद के अध्यक्ष श्याम श्रीवास्तव सनम ने शास्त्री जी को याद करते हुए शब्दों के माध्यम से श्रद्धांजलि दी-
*ढूंढती हैं आंखें उस चिराग को सनम।*
*नक्शे कदम पर उनके मैं चलूं हरदम।।*
*मेरी प्रेरणा की वह तस्वीर हो गए।*
*आज उनकी याद में हम तो खो गए।।*
*जय जवान जय किसान कह के वो गए।।*
श्री रामजी शरण छिरौल्या ने राष्ट्र पिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नगर के वरिष्ठ गीतकार
कवि धीरेन्द्र गहलोत 'धीर' ने बापू और शास्त्री जी को अपने गीत के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की - *दो अक्टूबर उन्नीस सौ चार में जन्म लिया,*
*हर तरहा के अभाव में भी शान से जिया।*
*उस शांतिदूत लाल बहादुर की न मिसाल*,
*ऊंचा किया स्वदेश का दुनिया में जिसने भाल।*
इस अवसर पर श्रीमती प्रीति श्रीवास्तव, कु.शिवांगी व अमन श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन ओपी सेन 'आजाद' ने किया तथा आभार श्याम श्रीवास्तव'सनम' ने माना।