एम एस बिशौटिया प्रधान संपादक 9425734503
डबरा। श्री रामसेवक बुंदेली साहित्य एवं संस्कृति परिषद डबरा द्वारा आज 31जुलाई 21 दिन शनिवार को उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की 141वीं जयंती के अवसर पर एक विशेष काव्य गोष्टी श्री राम कुटिया पर आयोजित हुई। अध्यक्षता शहर के वरिष्ठ गीतकार श्री धीरेंद्र गहलोत 'धीर' ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में श्री एस.आर.परसेडिया उपस्थित थे।सर्वप्रथम अतिथियों ने मां सरस्वती व मुंशी प्रेमचंद जी के चित्र पर दीप प्रज्वलित व पुष्पहार पहनाकर शुभारंभ किया।
मां सरस्वती वंदना के बाद काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे हैं नगर के वरिष्ठ गीतकार
कवि धीरेन्द्र गहलोत 'धीर' ने रचना पाठ करते हुए कहा-
*हम बनाये कहां प्यार का आशियां,*
*हर तरफ़ चल रही जुल्म की आंधियां।*
*बम धमाकों का ऐसा चला सिलसिला,*
*डोलियों की जगहा सज रहीं अर्थियां।।*
वही परिषद अध्यक्ष श्याम श्रीवास्तव 'सनम' ने कहा-
*कहानीकार थे वो तो अजब उनकी कहानी है।*
*उपन्यासों के उनकी तो सनम दुनिया दीवानी है।*
*मुंशी प्रेम के साहित्य ने जग में मचाई धूम।*
*कृति सोजे वतन से आई थी जंगे रवानी है*
वहीं परिषद सचिव ओपी सेन 'आजाद' ने मुंशी जी को नमन करते हुए कुछ यूं कहा-
*सन अठारह अस्सी में, जन्मे लम्हीं ग्राम।*
*प्रेमचंद साहित्य में,अमर हो गया नाम।।*
नवोदित रचनाकार विक्रम सिंह राणा ने मूक जानवरों के दर्द को उजागर करते हुए कहा-
*अच्छी बात नहीं है बर्बाद करता है।*
*नशा जिंदगी को खराब करता है।*
इब्राहिम खान ने अपनी बात को कुछ इस तरह से रखी
*जिंदगी में अगर,आप मिले होते*।
*फिर न कोई शिकवे,ना मिले होते*।।
नवल सिंह चौहान ने अपने रचना पाठ में कोरोना के दर्द को बयां करते हुए कहा-
*झेल रहे रहे बचपन की पीड़ा,कोरोना के काल में।*
*किए नहीं शाला के दर्शन, पिछले बीते साल में।।*
बृजमोहन श्रीवास्तव साथी ने कुछ यूं कहा-
*लिखा सच को ही बस केवल,कलम के इस पुजारी ने।*
*हम मुंशी प्रेमचंद जी को, नमन सौ बार करते हैं।।*
इस अवसर पर भरत श्रीवास्तव,धीरेंद्र सिंह राणा, राजीव श्रीवास्तव, शिवांगी श्रीवास्तव,श्रीमती प्रीति श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन ओपी सेन 'आजाद' ने किया तथा आभार इब्राहिम खान ने माना।