डबरा। श्री रामसेवक बुंदेली साहित्य एवं संस्कृति परिषद तथा राजेंद्र प्रसाद साहित्य एवं संस्कृति समिति के संयुक्त सौजन्य से नगर के वरिष्ठ साहित्यकार स्व राजेंद्र प्रसाद सक्सेना रज्जन की स्मृति में कवि गोष्ठी एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया।जिसकी अध्यक्षता रामजीशरण छिरौल्या ने की तथा मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि के रूप में नगर के वरिष्ठ साहित्यकार रामगोपाल तिवारी भावुक, डॉ स्वतंत्र कुमार सक्सेना तथा रज्जन जी की धर्मपत्नी श्रीमती विमला देवी सक्सेना उपस्थित रहे।सर्वप्रथम अतिथियों ने मां सरस्वती व कवि रज्जन जी के चित्र पर पुष्पहार पहनाकर व दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।मां सरस्वती वंदना के बाद काव्य गोष्ठी का शुभारंभ किया गया।नवल सिंह चौहान ने रचना पाठ करते हुए कहा-
*अंधकार मन का मिट जाए, ऐसे दीप जलाएं हम।*
*दंभ, द्वेष पाखण्ड त्याग कर, सबको गले लगाएं हम।।*
वही परिषद अध्यक्ष श्याम श्रीवास्तव 'सनम' ने कहा-
*तलवार की मानिंद धार दार थी कलम।*
*सच्चाई की ईवारत लिखती रही सनम।*
*खिलाफ उसूलों के न इंक्वारी वो गये।*
*आज उनकी याद में हम तो को गये।।*
वहीं परिषद सचिव ओपी सेन 'आजाद' ने अपनी काव्यमय श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा-
*रज्जन थे बड़े सज्जन, सभी से प्रेम करते थे।*
*भले कड़वी लगे बोली मगर वो साफ कहते थे।*
बृजमोहन श्रीवास्तव साथी ने अपनी बात को कुछ यूं कहीं-
*दीप जला साहित्य का,करें सनम जी याद।*
*व्यक्ति नही व्यक्तित्व थे,श्री राजेन्द्र प्रसाद।।*
साहित्यकार बेदराम प्रजापति मनमस्त ने कहा-
*रातें चांद सी जिसकी सुनहरा सुबह का डेरा।*
*दुनिया पूजती जिसको वो भारत है कहां मेरा।*
इस अवसर पर डॉ सुरेंद्र कुमार सक्सेना,राम गोपाल तिवारी भावुक, इब्राहिम खान आदि ने रचना पाठ किया तदोपरांत कवि इब्राहिम खान, बृजमोहन साथी को शाल व श्रीफल स्मृति चिन्ह भेंट कर श्री रंज्जन सम्मान से सम्मानित किया गया ,इस अवसर पर हिमांशु सक्सेना, रमेश गौड़, राजीवश्रीवास्तव,एम.एस.बिसौटिया संपादक ,शिवांगीश्रीवास्तव,एडवोकेटश्रीमतीप्रीतिश्रीवास्तव,मोहन सूर्यवंशी, राजेंद्र शर्मा, लक्ष्मण बत्रा, डॉ आरके सिंह, जगदीश प्रसाद शर्मा आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन श्याम श्रीवास्तव"सनम" ने किया और आभार गगन सक्सेना ने किया।