शासकीय विद्यालय में पेयजल, शौचालय व विद्युत व्यवस्था नहीं है तो क्यो सरकार दे जवाब-सुरेश राजे
भोपाल/डबरा।105. ( क्र. 2075 ) श्री सुरेश राजे : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ऐसे कितने शासकीय विद्यालय है जिनमें पेयजल, शौचालय व विद्युत व्यवस्था नहीं हैं? यदि हाँ, तो क्या संतोषजनक है? पेयजल के स्त्रोत का भी विवरण दें। (ख) डबरा विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन से प्राथमिक, माध्यमिक हाईस्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं, जो भवनविहीन हैं या जिनके भवन जीर्णशीर्ण हैं? इन विद्यालयों के भवन बनाये जाने हेतु विभाग की क्या योजना हैं? (ग) डबरा विधानसभा क्षेत्र के किन-किन विद्यालयों की भूमि पर विद्यालय दर्ज है? विद्यालयों की भूमि पर क्या किसी प्रकार के अतिक्रमण है? यदि हाँ, तो कब तक अतिक्रमण मुक्त कराया जायेगा?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्राथमिक/माध्यमिक पेयजल विहीन शालाओं में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जल जीवन मिशन अंतर्गत शालाओं में पेयजल व्यवस्था कराई जा रही है। कुल 82 शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्युतविहीन शालाओं के लिए विद्युत संयोजन हेतु प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। एक हाईस्कूल जहाँ पेयजल स्त्रोत नहीं हैं वहाँ गांव के हैडंपम्प से परिवहन से पेयजल व्यवस्था की जाती है। (ख) डबरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 08 शासकीय प्राथमिक शाला भवन जीर्ण-शीर्ण है जिन्हें स्वीकृति हेतु वार्षिक कार्ययोजना 2021-22 में प्रस्तावित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जीर्ण-शीर्ण भवन वाले प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय परिसर में स्थित अन्य शाला भवन/अतिरिक्त कक्ष में संचालित हैं। हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों से संबंधित जानकारी निरंक है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) प्रश्नाधीन विधानसभा अंतर्गत सभी विद्यालयों की भूमि पर विद्यालय दर्ज हैं। प्रश्नाधीन विधानसभा की विद्यालय भूमि पर अतिक्रमण की सूचना नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
गौशालाओं का निर्माण कार्य
[पशुपालन एवं डेयरी]
106. ( क्र. 2076 ) श्री सुरेश राजे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विगत दो वर्षों में कहाँ-कहाँ कितनी गौशालायें स्वीकृत की गई है? कहाँ-कहाँ कितना निर्माण कार्य कर लिया गया है? (ख) प्रश्न दिनांक तक कितनी गौशालाओं का कार्य पूर्ण किया जाकर उनका संचालन आरंभ कर दिया गया है? इनमें कितना पशुधन रखा गया है? प्रत्येक गौवंश के लिये चारा, पानी आदि पर कितनी राशि किस मद से व्यय की जा रही है? (ग) क्या विभाग/संचालन एजेंसी के पास गौशालाओं के संचालन के लिये पर्याप्त व नियमित वित्तीय व्यवस्थायें हैं? यदि नहीं, तो कैसे व्यवस्था संचालित की जा रही है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) डबरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत, प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत 08 गौशालाओं का कार्य पूर्ण हो गया हैं तथा 05 गौशालाओं का संचालन प्रारंभ हो गया हैं। जिसमें 647 गौवंश रखा गया हैं। गौशालाओं में पानी की व्यवस्था हेतु विभागीय मद से बोर की व्यवस्था की गई हैं। गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश के भरण पोषण हेतु रू. 20.00 प्रति गौवंश प्रतिदिवस के मान से विभागीय मद से प्रावधान किया गया हैं। (ग) गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश के भरण पोषण हेतु आर्थिक सहायता प्रदाय करने हेतु राज्य शासन द्वारा बजट उपलब्ध कराया जाता हैं। अन्य व्यवस्थाएं संचालन समिति द्वारा अन्य स्त्रोतों तथा दान में प्राप्त राशि, गोबर खाद, गौमूत्र आदि को विक्रय कर की जाने का प्रावधान है।