*रीना नाईक की भक्तिमय कलाकृतियों 'ब्रास इम्प्रेशन्स' की अनूठी प्रदर्शनी* पंचमहलकेसरी रिपोर्ट -के.रवि ( दादा ) मुंबई।मुंबई के प्रख्यात नेहरू सेन्टर आर्ट गॅलरी में आयोजित कलाकार रीना नाईक की अद्भुत कला कि में ज्येष्ठ शास्त्रीय म्यूजिशन तौफ़ीक कुरेशी मुख्य अतिथि तौर पर और डॉली ठाकोर, भरत दाभोलकर, गायिका मधुश्री, रॉबी बादल, अर्ज़ान खंबाटा, अभिनेत्री रेहा खान, ऑडिओलॉजिस्ट -स्पीच थेरपिस्ट देवांगी दलाल, अनुशा श्रीनिवासन अय्यर, गीतिका वर्दे कुरेशी,अमेया नाईक, गौतम पाटोळे, अमर संघम इन्होने भी यहां पर अपनी विशेष मौजूदगी दर्ज़ करायी। जोश फाउंडेशन के दिव्यांग बच्चों ने भी बड़े उत्साह के साथ इस प्रदर्शनी में शिरकत की। ब्रास का रंग और सकी आकृतियों ने हमेशा से ही रीना नाईक को आकर्षित किया है। रीना ने ईश्वरीय शक्ति को दर्शानेवाली १४ ख़ूबसूरत कलाकृतियों को जीवंत रूप प्रदान किया है, जिसकी प्रदर्शनी देखने का मौका जल्द ही सभी को मिलेगा। दूसरे शब्दों में रीना नाईक द्वारा पेश किये जा रहे 'ब्रास इम्प्रेशन्स' आपके दिलों में एक अमिट छाप छोड़ने में कामयाब साबित होगा। बांसुरी बजाते हुए कृष्ण, कालिया नाग के सिर पर खड़े युवा गोविंदा, शंख में विराजमान गणेश, गुलाब की पंखुड़ियां उनकी भक्तिमय कलाकृतियों का अभिन्न अंग हैं। ये कहना कतई ग़लत नहीं होगा कि रीना नाईक के कैनवस पर ईश्वर जीवित हो उठते हैं। रीना आर्टदेश फाउंडेशन के साथ सीईओ के रूप में काम करने के साथ वह कलाकार प्रोत्साहित कर और कला की विरासत को आगे ले जा रही है। वे सरकारी विकास परियोजनाओं में एक प्रमुख भूमिका निभाती हैं। रीना कहती हैं, "मुझे ब्रास का रंग और उसकी आकृतियां बहुत पसंद हैं। ये एक बेहद पवित्र किस्म का धातु है और उसकी बनीं आकृतियां अमर हो जाने का माद्दा रखती हैं। ये कलाकृतियां हमारे द्वारा पूजे जानेवाले विभिन्न भगवानों की वास्तविक झलक पेश करती हैं।" ग़ौरतलब है कि रीना एक पूर्व एचआर प्रोफ़ेशनल रह चुकीं हैं, जिन्होंने अपने दिल की सुनीं और कला के क्षेत्र में क़दम‌ रखा।" तैलीय रंगों के साथ हाइपर रियलिज़्म की शैली अपनाने वाली रीना कहती हैं, "ये प्रक्रिया काफ़ी आसान है। मैं कोरे कैनवस पर पेंसिंल का इस्तेमाल किये बग़ैर ब्रश का इस्तेमाल करती हूं।" उनका कहना है कि वो बस भगवान द्वारा बख़्शे गये हुनर का इस्तेमाल कर रही हैं। वो कहती हैं, "मैं अपनी सकारात्मक ऊर्जा को बहने देती हूं और उसे कैनवस पर उतार देती हूं। मैं बस इतना करती हूं कि मेरा रास्ता बिल्कुल सही हो।" किसी कलाकृति की डिटेलिंग के मुताबिक उसे पूरा करने में १५ महीने तक का समय लग जाता है। रीना का ये सफ़र इतना आसान नहीं था। एक हादसे का शिकार होने के बाद वो कार्पल टनल सिन्ड्रोम का शिकार हो गयीं और ऐसे में डॉक्टरों ने उन्हें अपने दायें हाथ का इस्तेमाल न करने की हिदायत दी थी। रीना कहती हैं, "मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे कला के क्षेत्र में मेरा करियर शुरू होने से पहले ही समाप्त हो गया है। कुछ महीनों की थेरेपी के बाद मैं ठीक हो गयी और मैंने फिर से चित्र बनाने की शुरुआत कर दी।" ख़राब तबीयत और बार-बार अस्पताल में भर्ती कराये जाने के बावजूद उन्होंने इस प्रदर्शनी में दिखाये जानेवाले १५ में से १४ कलाकृतियां पूरी करने में कामयाबी पायी। बता दें कि रीना नाईक आर्टदेश फ़ाउंडेशन से बतौर सीईओ जुड़ी हुईं हैं और जो तमाम कलाकारों और उनकी कलाकृतियों को प्रमोट करने में यकीन रखती हैं। आपको इस अनूठी प्रदर्शनी में ज़रूर शिरकत करनी चाहिए, जहां आपको ब्रास से बनीं भगवान की मूर्तियों की वास्तविक झलक पेश करनेवाले तैल चित्रों का अद्भुत नज़ारा देखने को मिलेगा। उल्लेखनीय है कि 'ब्रास इम्प्रेशन्स' आर्टिस्ट रीना नाईक की पहली सोलो प्रदर्शनी है, जिसके जरिए उनके १४ पेंटिग्स का‌ मुज़ाहिरा किया जायेगा। यकीनन, ये एक देखने लायक प्रदर्शनी है! यह प्रदर्शनी अन्य कलाप्रेमियोकें लिये ३० सितंबर तक खुली रहेगी।


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